सामने है जो उसे लोग बुरा कहते है ,
जिसको देखा ही नहीं उसको खुदा कहते है!
ज़िन्दगी को भी सिला कहते है कहने वाले,
जीने वाले तो इसे गुनाहों की सजा कहते है !
फासले उम्र के कुछ और बढा देती है ,
जाने क्यों लोग उसे फिर भी दवा कहते है !
चंद मासूम से पत्तों का लहू है हाथो में,
जिसको महबूब के हाथों की हिना कहते है !!
True feelings of heart by Ankit Rana. poems, shayri. I love to write sometime.
Thursday, April 28, 2011
Monday, April 25, 2011
मुझे माफ़ करना
अगर मै हद से गुज़र जाऊं तो मुझे माफ़ करना ,
तेरे दिल में उतर जाऊं तो मुझे माफ़ करना !
यूँ ही गुस्से में आकर डांट देना तो मेरी आदत है,
अगर ऐसा मैं कर जाऊं तो मुझे माफ़ करना !
रस्ते में तुझे देख कर तेरे दीदार की खातिर,
पल भर जो ठहर जाऊं तो मुझे माफ़ करना !!
तेरे दिल में उतर जाऊं तो मुझे माफ़ करना !
यूँ ही गुस्से में आकर डांट देना तो मेरी आदत है,
अगर ऐसा मैं कर जाऊं तो मुझे माफ़ करना !
रस्ते में तुझे देख कर तेरे दीदार की खातिर,
पल भर जो ठहर जाऊं तो मुझे माफ़ करना !!
Be Good and Do Good
The truth behind performing good deeds to gain entry into heaven may be debatable. There are some references about such idea in the scriptures but its fundamental aim is to motivate people to follow the path in life which is moral and good for the self and the society at large.Getting a sick child take medicine is a great challenge. A mother has to resort to cajoling the child into taking medicine by saying that she would reward him with a toy. The child does not know the worth of the medicine, but he does know the worth of a toy. In the hope of getting rewarded with a toy, he takes the medicine which works in his best interest.
Similarly, an average individual does not appreciate the worth of living a high ideal life. Sensual pleasures are what interests him more. He can visualize his interest of securing the heavens which is the happiness he is seeking for. The prospects of heaven makes him take up a worthy course in life. This can’t be thought of as a deceit or a lie as it would indeed usher him in the direction which has much more to offer than the said reward.
Similarly, an average individual does not appreciate the worth of living a high ideal life. Sensual pleasures are what interests him more. He can visualize his interest of securing the heavens which is the happiness he is seeking for. The prospects of heaven makes him take up a worthy course in life. This can’t be thought of as a deceit or a lie as it would indeed usher him in the direction which has much more to offer than the said reward.
Wednesday, April 20, 2011
Friends
Friends..... ...
They love you,
but they are not your lover..
They care for you,
but they are not from your family..
...They are ready to share your pain,
but they are not in your blood relation.
They are........FRIENDS! !!!!
True friend...... ..
Scolds like a DAD..
Cares like a MOM..
Teases like a SISTER..
Irritates like a BROTHER.
And finally loves U more than a LOVER.
Send 2 all ur good friends ..
They love you,
but they are not your lover..
They care for you,
but they are not from your family..
...They are ready to share your pain,
but they are not in your blood relation.
They are........FRIENDS! !!!!
True friend...... ..
Scolds like a DAD..
Cares like a MOM..
Teases like a SISTER..
Irritates like a BROTHER.
And finally loves U more than a LOVER.
Send 2 all ur good friends ..
Monday, April 4, 2011
खुदा भी उसी का था
ठुकरा के उसने मुझको ,
कहा की मुस्कुराओ !
मैंने हस दिया ,
आखिर सवाल उसकी ख़ुशी का था .
मैंने खोया वोह जो मेरा था ही नहीं ,
उसने खोया वो जो सिर्फ उसी का था !!
जिसने हमको चाहा, उसे हम चाह ना सके ,
जिसको चाहा उसे हम पा ना सके ,
ये समझ लो दिल टूटने का खेल है ,
किसी का तोडा और अपना बचा ना सके !!
मंजिलें भी उसकी थी , रास्ता भी उसका था ;
एक हम ही अकेले थे , काफिला भी उसका था ;
साथ चलने की सोच भी उसकी थी , फिर रास्ता बदलने का फैसला भी उसका था ;
आज अकेले हैं ...दिल सवाल करता है ...
लोग तो उसके थे , ...क्या खुदा भी उसी का था ????
Friday, April 1, 2011
तनहा रह गया हूँ
आज पहली बार यह महसूस हुआ के मैं इस दुनिया में तनहा रह गया हूँ ,
जो था ही नहीं कभी मेरा उस के बगैर मै तनहा रह गया हूँ ,
कभी इन रास्तों मै से गुज़र कर उसको घर तक छोड़ आती थी ये नज़र .
आज में उन ही रास्तों मै तनहा रह गया हूँ ,
कभी वो मुझ से इशारों में बातें किया करती थी ,
हँसता हूँ आज मै अपने ही इशारों मै तनहा रह गया हूँ ,
यकीन है मुझको के कभी तो वो लौट आएगी ,
इन्तजार करता हूँ आज मै उसका में तनहा रह गया हूँ
तनहा ही आया था इस दुनिया में शायद इसीलिए आज तनहा रह गया हूँ
जो था ही नहीं कभी मेरा उस के बगैर मै तनहा रह गया हूँ ,
कभी इन रास्तों मै से गुज़र कर उसको घर तक छोड़ आती थी ये नज़र .
आज में उन ही रास्तों मै तनहा रह गया हूँ ,
कभी वो मुझ से इशारों में बातें किया करती थी ,
हँसता हूँ आज मै अपने ही इशारों मै तनहा रह गया हूँ ,
यकीन है मुझको के कभी तो वो लौट आएगी ,
इन्तजार करता हूँ आज मै उसका में तनहा रह गया हूँ
तनहा ही आया था इस दुनिया में शायद इसीलिए आज तनहा रह गया हूँ
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