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Monday, May 9, 2011

मेरी मौत तो महक जाने दो....................

अब शाम हुई मेरे जीवन की अब तो मुझे सो जाने दो,
बहुत जी चुके जिन्दगी के इस खामोश सफ़र को अब तो मुझे मुस्कराने दो,
कभी किसी को याद जो आये मेरी तो मेरी कब्र को देख लेना,
हो सके तो वहा कुछ खुशबुदार फुल भी रख देना,
मै तो जिया हूँ काँटों सी जिन्दगी,
कम से कम मेरी मौत तो महक जाने दो........................................

1 comment:

Anonymous said...

Mind blowing